बापूजी ने किया घर का एक हिस्सा अनुपमा के नाम, अनुपमा रहेगी सबके साथ ,काव्या को लगा शॉक " अनुपमा के आज के एपिसोड की हिंदी अपडेट।
अनुपमा के आज के एपिसोड की शुरुवात होती है काव्या
की बा के साथ बहस वो भी गाड़ी पर
‘जस्ट मैरिड’ लिखा हुआ है इस बात पर ।
वनराज भी अपनी माँ क साथ देता है और काव्या से कहता
है की हमे अपनी शादी का ढींडधोरा पीटने की कोई जरुरत नहीं ।
काव्य भड़क जाती है और कहती है की हमने कोई चोरी नहीं
की है हम दोनों ने कानून के सामने शादी की है तो सबको बताने में शर्म कैसे ?
अनुपमा समझती है काव्या ड्रामा करना चाहती है वो
इसलिए चुपचाप जाकर गाड़ी में बैठ जाती है और गेट बंद करती है सब उसकी ओर देखते है और
समझ जाते है वो क्या कहना चाहती है और सब लोग अपनी-अपनी गाडियों में बैठ जाते है ।
कार में बैठ कर अनुपमा रिसोर्ट के बाहर जाते हुए
सोचती है की सच में अब उसकी जिंदगी की नयी शुरुवात है ।
पाखी अपनी माँ को खोया बोलती है की यहा रिसोर्ट में
आप साथ न हो कर भी साथ थी लेकिन अब क्या होगा, अनुपमा उसके आंसू पोचती है और सब मस्ती
में मगन हो जाते है लेकिन अनुपमा चुपके से अपनी साड़ी से अपनी आंसू पोच लेती है ।
सीन बदलता है और सब लोग अब घर वापस पहुच गए है और
गाडी से बाहर आते है, अनुपमा सब से आखिरी बार मिलती है और सब लोगो को ना रोने का बोलती
है ।
बापूजी से मिलकर उन्हें मीठा ना खाने की सलाह देती
है और अपना बैग लेकर जाने लगती है तो बापूजी उससे कहते है की उनके पास कुछ है उसे देने
के लिए ।
बापूजी घर के अंदर से कुछ पेपर्स लाते है और पहले
वनराज को देते है की तेरी शादी का तोहफा,काव्या छीन कर पेपर्स पड़ती है और खुश हो जाती
है ।
दुसरे पेपर्स वो अनुपमा को देते है तो अनुपमा को
शॉक लगता है वो बापूजी से पूछे है आप ऐसा कैसे कर सकते है ?
काव्या बिच में बोलती है की बड़ो का गिफ्ट बिना कुछ
बोले ले लेना चाहिए ।
अनुपमा उसे कहती है की ये मेरे और मेरे बापूजी के
बिच की बात है और शायद तुमने पेपर्स ढंग से पड़े नहीं,वनराज पेपर्स पड़ता है और दंग रह
जाता है ।
वो काव्या को बोलता है की अगर पेपर्स पड़ते नहीं आते
तो तुम्हारे पड़े लिखे होने का क्या फायदा ।
बापूजी बोलते है मैं पड़ के बता देता हु क्या लिखा
है, इसमें लिखा है की मैंने धर के 3 हिस्से किये है एक वनराज के नाम, एक डॉली के नाम
और एक मेरी बेटी अनुपमा के नाम ।
सब लोग ये सुन कर खुश हो जाते है बस काव्या का मुह
खुला का खुला रह जाता है ।
इसके बाद बापूजी कहते है की इसका मतलब ये है की मेरी
बेटी अनुपमा कही नही जाएगी वो मेरे साथ उसके खुद के घर में रहेगी ।
काव्या गुस्से से बापूजी तरफ देखती है और अनुपमा
इज्ज़त और आंसू भरी आँखों से बापूजी की तरफ देखती है ।
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