"अनुपमा का नाम घर
के गेट पर, काव्या की वनराज और
परिवार ने की बेज़्ज़ती " अनुपमा के आज के एपिसोड की हिंदी अपडेट।
अनुपमा के आज के एपिसोड
की शुरुवात होती है, बा और बापूजी घर
के दरवाजे पर आरती लिए खड़े है ।
बापूजी अनुपमा के बैग से 'अनुपमा का घर' ये नेमप्लेट लेकर घर के दरवाजे पर लगा देते है।
ये देख काव्या और वनराज न
सिर्फ हैरान है जबकि गुस्से में भी है।
इसके बाद बा और बापूजी
दोनों अनुपमा की आरती और फूलों से स्वागत करते है ।
काव्या चिल्ला कर कहती है
कि मुझे तो किसी ने याद तक नही रखा
इसके बाद डॉली काव्या और वनराज की आरती उतारती है और वनराज
गुस्से में अपने कमरे में चले जाता है।
यहां बा अपने झूले पर बैठ
कर खुश है, वो अनुपमा को मंदिर के पट
खोलने का बोलती है तो काव्या कहती है कि वो बहु है वो खोलेगी जैसे ही वो खोलने
जाती है अनुपमा उससे हाथ धोने का बोलती है तो काव्या कहती है कि वो सिर्फ पट खोल
रही है मूर्ति को हाथ नही लगा रही, इस पर बा कहती है
उसके लिए भी हाथ धोना पड़ता है, काव्या गुस्से
में हाथ धोने चले जाती है।
अनुपमा सबके लिए चाय,
कॉफ़ी बनाने का पूछती है और हाथ धोने जाती है तो
काव्या उससे बोलती है कि उसके लिए भी कॉफ़ी बना दे, अनुपमा हा बोलकर निकल जाती है।
वनराज ये सब देखता है तो
काव्या को चिल्लाता है कि बहु तुम हो तुम्हे सबके लिए ये काम करना चाहिए ना कि तुम
खुद अनुपमा से अपने लिय बनवाओ, बहु बनना पड़ता है
बस शादी करने से बहु नही बन जाता कोई।
कमरे में जाकर वनराज परेशान
है कि दोनों अनुपमा और काव्या के साथ कैसे एक घर मे वो राह पाएगा।
इधर किचन में फिर काव्या,
अनुपमा से उलझ रही होती है कि अनुपमा कहती है
कि तुम्हारे पति के लिय चाय नही बनाई वो तुम खुद बनाओ।
डॉली चाय पीकर घर के लिय
निकल रही होती है कि काव्या उसे अपने आप को भाभी कहने की बात बोलती है इस पर डॉली
उसकी बेज़्ज़ती करती है कि किसी की बीवी बनना मतलब ये नही तुम मेरी भाभी बन जाओ वो
तो अनुपमा थी, हैं और जिंदगी भर
रहेगी।
इस तरह वनराज, बा और बापूजी और अनुपमा के बाद डॉली भी काव्या
की बेज़्ज़ती कर उसे घर मे अपनी असली जगह दिखा देते है।
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